जैवलिन थ्रो खिलाड़ी अमित दहिया ने कहा कि मैंने डोप टेस्ट का सैंपल देने के लिए अपनी जगह किसी अन्य खिलाड़ी को नहीं भेजा था। मेरे ऊपर लगा चार साल का बैन पूरी तरह गलत है। मैं खेल मंत्री किरेन रिजिजू से मिलकर इस बारे में बात रखूंगा। पिछले साल अप्रैल में सोनीपत में हुए नेशनल में अमित ने ब्रॉन्ज जीता था। इसके बाद सैंपल के दौरान अमित की जगह कोई दूसरा खिलाड़ी गया था। इस पर सोमवार को नाडा की अनुशासनात्मक समिति ने अमित को दोषी माना और चार साल का बैन लगा दिया।
अमित ने कहा कि टूर्नामेंट के दौरान मेरे साथ चाचा का लड़का राहुल आया था। दिन भर से हमने कुछ नहीं खाया था। इसलिए मैंने राहुल को खाना खाने के लिए भेज दिया। इस दौरान उसका एक्सीडेंट हो गया। मैं मैदान से सीधे उसे लेकर अस्पताल चला गया। बाद में मुझे पता चला कि मेरी जगह कोई और सैंपल देने गया। लेकिन वह कौन था। इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद मुझे जुलाई में अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया था।
नाडा की टीम जानकारी के लिए गांव भी गई थी
अमित ने बताया कि नाडा की टीम जानकारी लेने मेरे गांव भी आई थी। तब मैंने हादसे के संबंध में पूरी मेडिकल रिपोर्ट दिखाई थी। लेकिन इसके बाद भी मेरे ऊपर बैन लगा दिया गया। मेरा अब तक सैंपल नहीं लिया गया है। इस बीच हरियाणा एथलेटिक्स एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार मिटान ने बताया है कि ब्रॉन्ज मेडल का कोई प्रमाणपत्र खिलाड़ी को नहीं दिया जाएगा। वहीं अमित ने कहा कि भले ही उन पर बैन लगाया हो लेकिन वे सीनियर नेशनल चैंपियनशिप की तैयारी में जुटे हुए हैं।